नईम टहलता टहलता एक बाग़ के अन्दर चला गया… उसको वहां की फ़ज़ा बहुत पसंद आई। घास के एक तख़्ते पर लेट कर उसने ख़ुद कलामी शुरू कर दी। “कैसी पुरफ़िज़ा जगह
नईम टहलता टहलता एक बाग़ के अन्दर चला गया… उसको वहां की फ़ज़ा बहुत पसंद आई। घास के एक तख़्ते पर लेट कर उसने ख़ुद कलामी शुरू कर दी। “कैसी पुरफ़िज़ा जगह
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