मैं उसे प्यार करता यदि वह ख़ुद वह होती मैं अपना हृदय खोल देता यदि वह अपने भीतर खुल जाती मैं उसे छूता यदि वह देह होती और मेरे हाथ होते मेरे
मैं उसे प्यार करता यदि वह ख़ुद वह होती मैं अपना हृदय खोल देता यदि वह अपने भीतर खुल जाती मैं उसे छूता यदि वह देह होती और मेरे हाथ होते मेरे
Moreप्रेम का ज्वार सूख रहा है अंदर इस गोलार्ध पर प्रेम गोमेद रत्न हैयाकि गोपनीय उल्लास का कोई द्वार जिससे होकर प्रेम गोश फ़रमाता है चित-पट जिस करवट भी बैठो प्रेम आ
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