राख हो जाए यह दुनिया

हमारे तलवे में है चक्कर कि हमें घूमना है घर भर की धुरी पर बिना नागा अपने भीतर की आग को बचा कर रखना है चूल्हे भर में अपने सपनों को बेलना

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