थी

चिड़िया थी उड़ा दी गई बेटी थी समझा दी गई फिर कोई न लौटा मुंडेर पर सूख गया दाना आँगन के पैर से खोल ले गया पाज़ेब कोई

More

जो मार खा रोईं नहीं

तिलक मार्ग थाने के सामने जो बिजली का एक बड़ा बक्स है उसके पीछे नाली पर बनी झुग्गी का वाक़या है यह चालीस के क़रीब उम्र का बाप सूखी साँवली लंबी-सी काया

More