वक़्त

वक़्त को गुज़रते देख रहा हूँ क्या पाया, क्या खोया फ़ैसले सही या ग़लत सही वक़्त पर या देरी से इसी जद्दोजेहद में काश ऐसे होता, काश वैसे क्या ठहर जाना इतना

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