हिंदी साहित्य में गंभीर रहने पर विकट जोर है। साहित्य के स्तर से ज्यादा जोर मनहूसियत की मात्रा पर। आप अच्छा साहित्य रचें और ज्यों-ज्यों अच्छा रचते जाएँ, त्यों-त्यों और गंभीर होते
हिंदी साहित्य में गंभीर रहने पर विकट जोर है। साहित्य के स्तर से ज्यादा जोर मनहूसियत की मात्रा पर। आप अच्छा साहित्य रचें और ज्यों-ज्यों अच्छा रचते जाएँ, त्यों-त्यों और गंभीर होते
More